शुक्रवार, 14 नवंबर 2008

विदेश यात्राएं....


अफरोज आलम 'साहिल'
आज भारतीय विदेश यात्राएं करते ही रहते हैं, और जब बात नेताओं की हो तो 'ये' खूब करते हैं. पर आप जानते हैं कि इनके इन विदेश यात्राओं पर खर्च कितना होता है....? नहीं न! पर अब यह संभव है,क्यूंकि "सूचना के अधिकार अधिनियम -२००५" के माध्यम से अपने नेताओं कि विदेश यात्राओं पर खर्च हुए रक़म को भी जान सकते हैं.

मैंने भी "सूचना के अधिकार" का प्रयोग करते हुए दिल्ली कि मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित द्वारा 01 जनवरी 2007 से ले कर अब तक कि गयी विदेश यात्राओं के खर्च का ब्यौरा माँगा,तो कुछ दिलचस्प आंकडे निकल कर आये.


अरे आप कहाँ खो गए.....? आप जो कुछ सोच रहे हैं,वो दुरुस्त नहीं है. हमारी शीला जी इतनी खर्चीली नहीं हैं. जी हाँ! आपको जानकार शायद हैरानी हो,पर यह सच है.


जी! हमारी मुख्यमंत्री जी 16 जनवरी 2007 से 17 जनवरी 2007 तक एशियन ओलंपिक काउंसिल कि मीटिंग में शामिल होने कुवैत गयी और खर्च हुआ सिर्फ 10,192 (दस हज़ार एक सौ बानवे) रूपए.........(ये रक़म दैनिक भत्ता व अन्य खर्चों के हैं)


क्यूँ आप चौंक गए ना....! आप को तो शायद यकीन ही नही हो रहा होगा...? यही नही,शीला जी इस वर्ष यानी 25 मई 2008 से 31 मई 2008 तक बीजिंग और तियानजिन ,चीन के दौरे पर रही,और सात दिन के इस दौरे पर खर्च हुआ सिर्फ 1,83,745 रूपए.
दिनांक 04-09-2007 से 09-09-2007 तक शीला जी येरावन और मिन्स्क (बेलारूस) के दौरे पर रही. यहाँ शीला जी मिन्स्क नगर की 940 वी वर्ष गाँठ समारोह में शामिल होने आई थी. और यहाँ खर्च हुआ सिर्फ 1,68,660 रूपए..........
क्यूँ अच्छा लग रहा है ना यह सब जानकार...... वाकई हमें शीला जी की तारीफ़ करनी होगी, कि वह फिजूलखर्ची से कितना बचती हैं. खैर चलते- चलते अब बात अमेरिका कि भी हो जाए. जी हाँ...! शीला जी 14 मई 2007 को न्यूयार्क गयी और 17 मई 2007 तक रही. यहाँ शीला जी "Large cities climate change" कि मीटिंग में शामिल होने आई थी. यहाँ खर्च हुआ 6,13,072 रूपए.....क्यूँ थोडा ज्यादा हो गया ना....? खैर, इतना तो चलता ही है..... आगे ख्याल रखेंगी, अगर आपने अपने कीमती वोट देकर दुबारा सत्ता में पहुंचा दिया तो......
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