अर्जुन कुमार बसाक
हाल ही में मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने अपनी संम्पत्ति करीब एक करोड़ बताई है। इसे देखकर लगता है कि वह में मध्यम वर्ग श्रेणी की हैं। उसके संम्पत्ति में दो-तिहाई से ज्यादा का सिर्फ अपने घर की कीमत बताई है, घर को छोड़ दें तो उनके पास महज 30-35 लाख् की संम्पत्ति है।
यह अच्छी बात है हमारे जन नेत्री भी लगभग हमारी ही तरह है। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, हाल में सूचना के अधिकार के तहत मिले मुख्य मंत्री जी के विदेश यात्राओं के विवरण से अंदाजा लगाया जा सकता है। यह सूचना के अधिकार आवेदन सामाजिक कार्यकर्ता ने दाखिल किया था। आवेदन के जवाब में बताया गया है कि एक जनवरी 2007 से अब तक सीएम शीला ने कुल् चार विदेश यात्रा की है इसमें सबसे पहले अप्रैल 2007 में एशियन ओलोंपिक काउंसिल के मीटिंग में शामिल होने के लिए कुवैत गईं थीं। जिसका कुल खर्च महज 10 हजार एक सौ बानवे रूपये बताया गया है। मुख्य मंत्री की यात्रा है तो साथ में कुछ और लोग भी जाते है। इससे लगता है कि हमारी मुख्य मंत्री फिजूल खर्चा से बचती हैं, लेकिन इसके बावजूद मुख्य मंत्री की विदेश यात्रा में कुल खर्च महज दस हजार के करीब। बताए गए खर्च में प्रशन चिन्ह खरा करता है। पिछले साल मई में सिटिज क्लाईमेट चेंज्ा के मिटिंग में शिरकत के लिए न्यूयार्क गईं थीं। जिसका कुल खर्च करीब 6 लाख् 13 हजार बताया गया है। सितंबर 2007 में बेरारूस के येरावन और मिंस्क शहरों के यात्रा का कुल खर्च महज 1 लाख् 68 हजार के करीब बताया है। इसके अलावा इस साल मार्च में चीन के बिजिंग और तियानजीन के यात्रा का खर्च 1 लाख् 83 हजार सात सौ पैतालीस रूपये बताया गया है। मामला जैसा भी विवरण को देखे तो यही लगता है हमारी माननीय मुख्य मंत्री जी बिल्कुल ही फिजूलखर्ची नहीं है। चुनाव के बाद ऐसे मुख्य मंत्री रहीं या आई या आया तो प्रश्न चिन्ह वाले फिजूलखर्ची से बचने वाले और नेताओं की और भी जानकारी मिलने की उम्मीद की जा सकती है।
मंगलवार, 18 नवंबर 2008
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