अफ़रोज़ आलम ‘साहिल’
31 दिसम्बर की शाम.... नव वर्ष की पूर्व संध्या.... हर तरफ जश्न और उत्सव का माहौल.... नए साल का सरुर के नाम पर जमकर हंगामा.... इयर एंड पार्टियां.... हर्ष-उल्लास से ओत-प्रोत नशे में धुत युवाओं की बदमस्तियां.... धूम-धाम परोस कर सपने बेचता इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का धमाल.... पांच सितारा होटलों में पेज थ्री महफिलें.... छलकते गिलास और बरसते नोट.... एलिट क्लास और नवदौलतिया वर्ग का धन-प्रदर्शन.... गिफ्ट हैम्पर्स.... और अत्यंत महंगे कार्ड्स का आदान-प्रदान.... फिजूल-खर्ची और शाह-खर्ची के पुराने रिकॉर्ड्स तोड़ देने का जुनून.... कितनी पीड़ादायक दास्तान है उस शाम की.... यही नहीं, 31 दिसम्बर की सर्द बर्फीली रात जब करोड़ो रुपये आतिशबाज़ी में झोंके जा रहे थे,झुग्गी-झोंपड़ी वाले इलाके और फुट-पाथों पर रहने वाले लोग सर्दियों से ठिठूर कर अपनी ज़िंदगी के लिए ईश्वर से प्राथना कर रहे थे। वहीं इस अवसर पर कहीं कोई घटना न हो जाए, इसके लिए दिल्ली और अन्य शहरों में जगह-जगह रैपिड एक्शन फोर्स तैनात किये गए थे। पुलिस की गश्ती-गाड़ियां काफी सतर्क थीं।
प्रश्न यह उठता है कि यह “नव वर्ष” सेलिब्रेशन क्यों? वर्ष 2008 के दिसम्बर की 31 तारीख खत्म होते ही अचानक “नया” क्या हो गया? 30 से 31 दिसम्बर की भांति 31 दिसम्बर के अगले दिन का उदय हुआ 01 जनवरी के रुप में। 31 दिसम्बर और 01 जनवरी के बीच सामान्य अंतराल ही तो है, जो दूसरे दिनों के बीच भी पाया जाता है। “नये वर्ष का आरंभ अगर खुशियों के साथ हो तो पूरा वर्ष खुशियों में गुज़रेगा” यह कथन स्वयं कितना वैज्ञानिक और कितना अंधविश्वास पर आधारित है, तर्क व विज्ञान की बात करने वालों की नज़र इस पर क्यों नहीं जाती? तथाकथित आधुनिकता और प्रगतिशीलता के राग अलापने वाले “महानगरीय जीवी” इस पर विचार क्यों नहीं करते कि ये स्वयं कितना पुरातन एवं प्रतिगामी विचार है। यदि हम पीछे ही मुड़कर देखें कि पिछले वर्ष का आरंभ भी हमने इसी हर्ष-उल्लास व मौज-मस्ती के साथ किया था। लेकिन ज़रा सोचिए कितनी खुशियां समेटी हमने पिछले वर्ष...?
लेकिन हां! यदि इस अवसर पर बीते वर्ष का विभिन्न स्तरों पर विश्लेषण हो और विभिन्न पहलुओं से सही लेखा-जोखा सामने लाया जाए और आने वाले वर्ष के लिए Area of action तलाश किए जाएं तो इस प्रकार की इयर एंड पार्टियां सकारात्मक और सार्थक हो सकती हैं। नए संकल्प के साथ हम नव वर्ष का वास्तविक अभिवादन कर सकते हैं और तब ये आने वाला वर्ष सही मायनों में हमारे लिए “नया” साल बन पाएगा।
तो आईए इस नव वर्ष में कुछ अलग करते हैं। बोले तो....... “लीक से हटकर”
और यदि आप वास्तव में लीक से हटकर कुछ करना चाहते हैं या पढ़ना चाहते हैं तो हमें leaksehatkar@gmail.com पर मेल करें।
बुधवार, 31 दिसंबर 2008
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1 टिप्पणियाँ:
नया साल 2009 आप सभी के लिए
सुखदायक
धनवर्धक
स्वास्थ्वर्धक
मंगलमय
और प्रगतिशील हो
यही हमारी भगवान से प्रार्थना है
Regard
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