शुक्रवार, 21 मई 2010

एम्स की एक और कहानी

दिनांक 23 मार्च, 2010 को मैंने एम्स में सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत एक आवेदन डाला। इस आवेदन में हमने 10 प्रश्न पूछे थे। वो प्रश्न इस प्रकार है:-

1. मोहन चन्द शर्मा की Clinical Treatment Report उपलब्ध कराई जाए।

2. आतिफ अमीन, मो. साजिद और मोहन चन्द शर्मा के पोस्टमार्टम के दौरान ली गई सभी तस्वीरों की कॉपी उपलब्ध कराई जाए।

3. आतिफ अमीन, मो. साजिद और मोहन चन्द शर्मा के पोस्टमार्टम के दौरान की गई वीडियोग्राफी की कॉपी उपलब्ध कराई जाए।

4. आतिफ अमीन, मो. साजिद और मोहन चन्द शर्मा यानी तीनों के कपड़ों की फॉरेंसिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।

5. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक रिपोर्ट से जुड़ी क्या-क्या Sample और Specimen रखी गई हैं। उसका विवरण दें और यह भी बताएं कि यह कहां-कहां Preserve की गई हैं। इसको देखने लिए Physical Visit का मौक़ा दिया जाए।

6. जिस तरह से आतिफ अमीन, मो. साजिद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की analysis की गई है, वैसा ही विवरण मोहन चन्द शर्मा के बारे में उपलब्ध कराई जाए।

(a) अगर आपके लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं है तो इसके कारण भी बताएं।

(b) यह भी बताएं कि मोहन चन्द शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आतिफ अमीन, मो. साजिद जैसा विवरण क्यों नहीं दिया गया।

7. आतिफ अमीन, मो. साजिद की लाश आपके यहां कब पहुंची।

8. एनकाउंटर 19 सितम्बर को हुआ था, लेकिन आतिफ अमीन, मो. साजिद का पोस्टमार्टम 22 सितम्बर को क्यों किया गया। इसके कारणों को बताएं। जबकि मोहन चन्द शर्मा का पोस्टमार्टम 20 सितम्बर को ही किया गया।

9. क्या एक दिन ही पहुंचने वाली लाशों के लिए पोस्टमार्टम का दिन अलग-अलग तय किया जाता है। अगर हां! तो इसके लिए शर्तों का विवरण दें। क्या आतिफ अमीन, मो. साजिद के मामले में भी उपयुक्त शर्त लगू होता है।

10. 20, 21, 22 सितम्बर 2008 को आपके यहां कितने शवों का पोस्टमार्टम किया गया और ये लाशें कब-कब आईं थी।


एम्स ने सूचना देने से मना कर दिया। एम्स प्रशासन ने अपने जवाब में कहा कि यह सूचना मेडिको लीगल रिकॉर्डस से संबंधित है। सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 की उपधारा 8(1) जी और उपधारा 8(1) एच के तहत इस तरह की सूचना संबंधित पुलिस थाना/न्यायलय में सम्पर्क करें।



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दिनांक 20 अप्रैल, 2010 को मैंने एम्स प्रशासन को प्रथम अपील दायर किया। इस अपील में निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रथम अपीलीय अधिकारी महोदय का ध्यान आकृष्ठ कराया।



महोदय,


मैंने सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत आपके संस्थान के जन सूचना अधिकारी को दिनांक 23.03.2010 को एक आवेदन दिया था। (आवेदन की प्रतिलिपी संलग्न) आवेदन देने के लगभग 15 दिनों के बाद दिनांक 07.04.2010 को सूचना प्राप्त हुई, जो आवेदक को गुमराह करने वाली है, और सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 का उल्लंघन करती है। क्योंकि मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में है, और इसके जवाब देने से इंकार नहीं किया जा सकता।


अत: इस संदर्भ में श्रीमान से यह निवेदन है कि सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा-18 या 19(1) के तहत इस विषय पर सुनवाई करते हुए जन सूचना अधिकारी को तुरंत सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दें। साथ ही, सूचना के अधिकार अधिनियम के उल्लंघन के लिए जन सूचना अधिकारी पर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना भरने का आदेश दें।


मैं आशा करता हूं कि मेरे इस अपील या शिकायत पत्र को गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में तत्काल कार्यवाही की जाएगी ताकि मुझे जानकारी मिल सके और सूचना कानून में नागरिकों को दिए गए अधिकारों का मान व मर्यादा बनी रह सके।


आपसे न्याय की अपेक्षा सहित,



प्रथम अपील देने के बाद दिनांक 30.04.2010 को प्रो. एम.सी.मिश्रा ने एक पत्र भेजा, जिसमें मेरे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के आधी-अधूरी सूचना उपलब्ध कराई गई, जो इस प्रकार है:-


2.सूचना के लिए अधीक्षक हौली फैमिली हस्पताल औखला एवं थानाधिकारी जामिया नगर से संपर्क करें।

3,4,6,7. आतिफ अमीन, मो.साजिद एवं मोहन चन्द शर्मा के शव परीक्षण के दौरान की गई वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी (तस्वीर) रखे गए Specimen और Sample (नमूने) या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के विश्लेषण संबंधी कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है।

संर्दभ:- 1. सूचना का अधिकार अधिनियम 8(g) और 8(h).

2. माननीय दिल्ली उच्च न्यायलय का आदेश दिनांक 30.11.2009 वाद सं. 7930/2009

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (Crime) विरूद्ध केन्द्रीय सूचना आयोग। आपका अंग्रेज़ी में जो

पत्र आया था तथा जिस पत्र का जवाब पहले दे चुके हैं, उसके साथ दिल्ली उच्च

न्यायालय की कापी संलग्न की गई थी, कृपा उस पर गौर करें।

5. सूचना के लिए थानाधिकारी जामिया नगर नई दिल्ली तथा पुलिस आयुक्त क्राइम एवं रेलवे से

सम्पर्क करें।

8. आतिफ आमिन एवं मोहम्मद साजिद को 19.9.2008 को आपातकालीन विभाग में लाया गया था।

9. और 10. शव परीक्षण पुलिस द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र एवं संलग्न विवेचना पत्र चिकित्सा

अधिकारी को प्रस्तुत करने पर किया जाता है। जिस दिन यह पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं, उसी दिन

शव परीक्षण किया जाता है।

11.20,21 एवं 22 सितंबर 2008 को छः शवों का शव परीक्षण किया गया (3- 20.09.08, 1-

21.09.08 एवं 2- 22.09.08)



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