बुधवार, 30 जून 2010

नहीं मिलेगी एमसी शर्मा की ट्रीटमेंट रिपोर्ट!

नई दिल्ली. बाटला हॉउस एनकाउंटर मामले पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच अब एक ओर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। सूचना अधिकार के तहत एम्स के जेपी ट्रामा सेंटर की ओर से इंस्पेक्टर एमसी शर्मा की क्लीनिकल ट्रीटमेंट रिपोर्ट उपलब्ध न कराने जाने पर जामिया टीचर्स सोलिडेरिटी एसोसिएशन ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान लगा दिया है।

एसोसिएशन का कहना है कि आखिरी रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। आरटीआई दाखिल करने वाले जामिया छात्र अफरोज आलम ने बताया कि उन्होंने 23 मार्च को एक आरटीआई दाखिल कर एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर से इंस्पेक्टर एमसी शर्मा की क्लीनिकल ट्रीटमेंट रिपोर्ट मांगी थी ताकि पता चल सके कि उनकी मौत किन हालातों में हुई।


इसके अलावा आतिफ अमीन, मो. साजिद व इंस्पेक्टर शर्मा की पोस्टमार्टम के दौरान ली गई फोटो की भी मांग की। ऐसी ही जानकारियों के साथ उन्होंने दस अहम सवाल ट्रामा सेंटर से पूछे। इन सवालों का जवाब 10 अप्रैल को आया और कहा गया कि सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) जी (ऐसी जानकारी जिससे किसी के जीवन व शारीरिक सुरक्षा पर खतरे की आशंका हो) व धारा 8 (1) एच (ऐसी जानकारी जिससे किसी आपराधिक मामले की जांच में बाधा पैदा हो) के तहत मांगी गई जानकारी नहीं दी जा सकती है।


अफरोज ने बताया कि ऐसा कोई भी सवाल नहीं पूछा गया है जिससे किसी का कोई नुकसान होता हो और रही बात मामले की जांच की तो वह तो पहले ही पुलिस प्रशासन पूरी कर चुका है।


ऐसे में जानकारी उपलब्ध न कराके प्रशासन कहीं न कहीं उन्हें सूचना अधिकार से वंचित कर रहा है। इस विषय में जामिया टीचर्स सोलिडेटरी ऐसोसिएशन की मनीष सेठी का कहना है कि जिस तरह से प्रशासन जानकारियों को छुपा रहा उससे तो यह ही प्रतीत होता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सच्चई जग जाहिर हो।

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