सूचना का अधिकार का इस्तेमाल की संख्या काफी बढ़ी है और साथ-साथ इसकी पेंडिंग भी बढ़ रही है। हाल ही में एक आंकडे के अनुसार केवल मुंबई के राज्य सूचना आयोग में ठंडे बस्ते में पडे़ आवेदन और शिकायतों की संख्या करीब 3600 है। पूरे महाराष्ट्र के आंकडे़ पर यह संख्या करीब 16000 हजार है। इसके साथ ही महाराष्ट्र देश भर में सबसे अधिक इस कानून के तहत आवेदन दायर करता है। यह आवेदन राज्य भर के कई सरकारी विभागों में दाखिल किए गए थे। जिसे वहां से जवाब नहीं मिलने या असंतुष्ट सूचना मिलने का कारण राज्य सूचना आयोग से अपील की गई थी। इसमें अधिकाँश शिकायतें पेंशन, टाउन प्लानिंग, मुख्य मंत्री रिलीफ फंड के दुरुपयोग से संबंधित था। सूचना के अधिकार कार्यकर्ता शैलेष गांधी को मिले जवाब के अनुसार मुख्य मंत्री रिलीफ फंड का पैसा विप्पति के समय खर्च न कर उसका दुरुपयोग किया जाता है। साथ ही जाहिर किया कि फंड के पैसे किक्रेट मैच, फिल्म निर्माण जैसे वाणिज्यक कार्य पर खर्च किया जाता है। एक आंकडे़ के अनुसार महाराष्ट्र देश भर में सबसे अधिक आवेदन दाखिल करता है। राज्य भर के पिछले साल में करीब 3 लाख आवेदन दायर किए गए।
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