शुक्रवार, 4 जुलाई 2008
सूचना के बदले मिली धमकी
सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगने वालों को सूचना भलें ही ना मिलें लेकिन धमकी जरुर मिल जाती है। जन सूचना अधिकारियों के ऐसे कृत्य एक-दो नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। असम के नलवारी जिले के निवासी हितेशवार लाखर ने उसके गांव में हो रहे सरकारी कार्य की जानकारी के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया था। लाखर को सूचना तो नहीं मिली लेकिन दो घमकी भरे काॅल जरुर मिल गए। लाखर एक लव स्नातक है और एक गैर सरकारी संस्था ‘‘ग्राम विकास मंच’’ के पूर्ण सदस्य के रुप में कार्य करते है । लाखर ने आवदेन के माध्यम से दो ग्राम पंचायत बाड़ीगोग और बानभाग मे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के तहत हो रहे कार्यो का विवरण मांगा था। जिसमें योजना कार्य के भुगतान पंजी, जॉब कार्ड धारकों की सूची और अब तक किए गए कार्याे का मास्टर विवरण पंजी की नकल मांगी थी। कुछ दिन इन्तजार के बाद भी लाखर को कोई सूचना नहीं मिली। लेकिन उसके मोबाइल फोन और फिर लेण्ड लाइन फोन पर धमकी भरे कौल आ गए। साथ ही धमकी मे कहा था कि जल्द ही अपने आवेदन वापस ले लें वर्ना तुम्हें रात में उठा लिया जाएगा और ‘‘आवश्यक इलाज’’कर दी जाएगी। इसके बाद लाखर ने हार नहीं मानी और आवेदन को वापस नहीं लिया। साथ ही पास के पुलिस स्टेशन मे एक एफ.आई.आर दर्ज करा दी।
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