शुक्रवार, 4 जुलाई 2008

भोपाल त्रासदी के अनसुलझे का जवाब सूचना के अधिकार से

आज से 20 साल पहले हुई मध्य प्रदेश के भोपाल में गैस त्रासदी में हजारों लोगों ने अपनी जान से हाथ धो बैढे थे। सैकड़ो लोग शारीरिक अक्षमता के शिकार हुए थे। लेकिन त्रासदी के संबंध में अनेक अनसुझने सवाल जस की तस बनी हुई है। यह त्रासदी भोपाल के यूनीयन कार्बाइड फेक्टरी में हुई थी। दुर्घटना के बाद सरकार ने बड़े-बडे़ वायदे किए थे। लेकिन राहत कार्य के लिए जो कुछ भी हुआ वह सब ऊॅंट के मुॅह मे जीरा साबित हुआ है। आज दो दशक बाद भी क्षतिपूर्ति, वास्तविका दोषी को सजा, स्वास्थय सुविधाएं आदि अनेक अनसुलझे सवाल है। जिसका जवाब लोग अब सूचना के अधिकार के माध्यम से बड़ी मात्रा में आवेदन कर मांग रहे है। त्रासदी के शिकार शारीरिक अक्षमता झेल रहे सूफीयान के अनुसार भोपाल की स्थिति आज भी अच्छी नहीं है, अब भी लोग उस भयानक त्रासदी के कारण लोग शारीरिक अक्षमता का शिकार हो रहे है। त्रासदी के एक अन्य शिकार रशिदा बाई का कहना है कि जो लोग इस त्रासदी के लिए दोषी है, उसके लिए वाजिब सजा का प्रावधान हो । साथ ही कहा कि इसके क्षतिपूर्ति, स्वास्थय व्यवस्था की जानी चाहिए। ऐसी दुखद कहानी सिर्फ सुफीयान या रशिदा बाई का नहीं है बल्कि अनेक उदाहरण देखे जा सकते है

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