नर्मदा घाटी विकास परियोजना से गुजरात राज्य को केवल पिछले साल केवल 7 प्रतिशत पानी मिला। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई के जवाब में सामने आया है। इस कानून के तहत यह आवेदन दिल्ली के एक पर्यावरण समूह सभा के द्वारा केन्द्रीय जल आयोग से मांगा गया था। यह 45000 करोड़ की लागत की परियोजना मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए एक संयुक्त परियोजना है। जिसमें अनेक छोटे-बडे़ बांध है। यह भारत का सबसे बड़ा संयुक्त परियोजना है। साथ ही इसके सरदार सरोवर बांध मुख्यतः गुजरात मे पानी आपूर्ति के लिए निर्माण किया गया है। जो गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ और उत्तरी गुजरात के लिए है। गौरलतब है कि परियोजना से करीब 20 लाख हेक्टेयर जमीन कि सिंचाई और करीब 1450 किलोवाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही इसके लिए मध्य प्रदेश को लगभग 50 हजार परिवार इस परियोजना के निर्माण के लिए विस्थापित हुआ था। मांगी गई सूचना के जवाब में पाया गया है कि वर्ष 2007 में 19.91 मिलियन क्यूबीट मीटर पानी परियोजना के बांधो से प्रवाह हुआ लेकिन गुजरात राज्य को केवल 1.285 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी सिंचाई, उद्योगिकी उपयोग और अन्य कार्यों के लिए मिल पाया है। एक इंजिनियर हिंमाशू खक्खर के अनुसार गुजरात राज्य ने बहुत ही कम जल का उपयोग कर पाया है क्योंकि राज्य ने अभी तक अपने केनल नेटवर्क को दुरुस्त नहीं किया है। यह केनल लगभग पूरे राज्य में पानी का प्रवाह करता है।
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