सूचना के अधिकार ने उडीसा के एक मंत्री का झूठ सार्वजनिक कर दिया है। राज्य के परिवहन और वाणिज्य मंत्री जय नारायण मिश्रा के स्नातक होने का दावा गलत साबित हुआ है। 2004 के असेम्बली चुनावों के समय दायर हलफनामें में उन्होंने अपने आपको स्नातक बताया था। नोमिनेशन पेपर में उन्होंने दावा किया था कि 1984 में संभलपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक परीक्षा पास की है। लेकिन जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि उनका यह दावा झूठा है।
संभलपुर विकास मंच द्वारा दायर एक आरटीआई अर्जी के जवाब से यह खुलासा हुआ है। इस अर्जी में संभलपुर विकास मंच ने मंत्री के स्नातक होने के दावे को चुनौती दी गई थी। संभलपुर के सब कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी कैलाश साहू ने जब इस मामले की जांच की तो यह तथ्य सामने आए। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट जिला कलेक्टर पीके पटनायक के सुपुर्द कर दी है। अधिकारियों की गई यह जांच संभलपुर विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी पर आधारित है।
मंत्री ने कोर्ट में दायर किए गए अपने हलफनामें में दावा किया था कि उन्होंने संभलपुर विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले बुर्ला नाक काॅलेज से स्नातक की परीक्षा पास की है। विश्वविद्यालय से जब इस बाबत जानकारी मांगी गई तो मंत्री के दावे को सही साबित करने वाले दस्तावेज नहीं पाए गए। विवि के अधिकारियों ने पाया कि कोई जय नारायण मिश्रा नामक व्यक्ति नाक काॅलेज की उस वर्ष की स्नातक परीक्षा में नहीं बैठा था। नाक काॅलेज में मंत्री के इंटरमीडिएट के रिकाॅर्ड तो मिल गए हैं, लेकिन उनके स्नातक होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला।
सोमवार, 7 जुलाई 2008
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