सूचना का अधिकार के अधिक से अधिक इस्तेमाल और सरकारी कामकाज के पादर्शिता के लिए केन्द्र सरकार ने देश में सूचना के अधिकार के सशक्तिकरण के लिए के लिए केन्द्र सरकार ने 12 वीं पंचवर्षीय योजना में 300 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। यह राशि सूचना के अधिकार प्रचार-प्रसार के अलावा कार्यालय निर्माण और इस अधिकार के इस्तेमाल के प्रशिक्षण में खर्च की जाएगी। ताकि अधिक से अधिक लोग इस कानून का समझ सकें और इसका इस्तेमाल कर सकें।
यह राशि देश भर के 27 राज्यों के सूचना आयोगों के लिए है। जिसे अगले चार साल में वर्तमान राजकोषीय वर्ष से वर्ष 2011-12 के फिस्कल वर्ष में खर्च किया जाएगा। इस राशि में करीब 215 करोड़ रुपये आयोगों के भवन निर्माण, श्रम शक्ति निर्माण आदि के लिए कार्य, विभागों के आधनिकीकरण, कम्प्यूटीकरण के लिए खर्च होगा। साथ ही स्टेक होल्डर की ट्रेनिंग के लिए 53 करोड़, जागरुकता अभियान के लिए 30 करोड़, और शिक्षा के लिए 3.35 करोड़ रुपये खर्च किए जाने है। और करीब 30 करोड़ की राशि जागरुकता अभियान मीडिया कवरेज के लिए किया जाएगा। अक्तूवर 2007 में आयोजित केन्द्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग के द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा गया था कि राज्य आयोगों को राज्यों से उसे वित्तीय सहायता का अभाव है। यसवंतराव एकाडेमी ऑफ़ डेवलोपमेंट एडमिनिसट्रेसन, पुणे और नेशनल इम्पलीमेंटेशन एजेंसी फार केपेसिटी बिल्डिंग जो कि भारत और संयुक्त राष्ट संघ की पहल के अन्तर्गत 25,74,200 स्टेक होल्डर को सूचना के अधिकार के प्रचार-प्रसार के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। यह कार्यक्रम केन्द्रीय सूचना अधिकारियों, राज्य सूचना अधिकरियों, अपीलीय अधिकारी, सरकारी अधिकारी, गैर सरकारी अधिकारी के प्रमुख, सूचना आयोग के कर्मचारी आदि आदि के ट्रेनिंग में मदद मिलेगी। इसके अन्र्तगत हर एक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के हर जिले से करीब 1500 व्यक्तियों और का टेंªड किया जाएगा और दूसरे वर्ष में दो-दो जिले और अगले दो सालों में चार-चार जिले में किया जाएगा। साथ ही केन्द्र सरकार ने प्रस्ताव दिया है सूचना के अधिकार को एन.सी.ई.आर.टी और एस.सी. ई. आर. टी. के पाठ्यक्रम में विषय या एक अध्याय के रुप में शामिल की जानी चाहिए।
गुरुवार, 3 जुलाई 2008
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